Verb • burst out | |
बोल: words taunt utterance sentence myrrh phrase | |
उठना: leavening getup risible uprise grow stand up | |
बोल उठना in English
[ bol uthana ] sound:
बोल उठना sentence in Hindi
Examples
More: Next- ट्रस्ट सच्चाई पर आधारित है, और किसी भी समय आप अपने रिश्ते में एक झूठ एकाएक बीच में बोल उठना आप विश्वास
- और निष्कर्ष समस्या, समाधान प्रदान की है, के रूप में अच्छी तरह से यदि लागू हो (यानी मेरे लिंक पर क्लिक करें) कार्रवाई करने के लिए कुछ कॉल एकाएक बीच में बोल उठना समीक्षा करेंगे.
- किसी बात या काम में हस्तक्षेप करना ; अशुद्धि होने पर बोल उठना 3. किसी को रोककर पूछताछ करना ; किसी बात के संबंध में शंका प्रकट करना 4. किसी बात का स्मरण कराना।
- प्रकृति में घुले-मिले लोक-चित्र का कवि ने कोलाज रचा है जो ग्राम-जीवन की ताजगी से भरपूर है-चिड़ियों के झुरमुट से बोल उठना बूढ़ी औरतों का झुलझुलहा स्नान प्रभाती की लय में गांव छानी-छानी मुस्कुराहट सूरजनारायण की आँगन बुहारती बेटियों का उल्लास बछिया को बीच-बीच पिलाकर गोरस निथारना।
- डॉ. अब्दुल बिस्मिल्लाह की उन पंक्तियों को मैं अब भी नहीं भूल पातागली-गली में कील गड़े हैं आंगन-आंगन कांच अपने जोखिम पर है नटवर नाच सके तो नाचमुशिरूल हसन साहब के इस दर्द पर जामिया के दिनों के ही अपने सखा रामाज्ञा राय शशिधर की वो पंक्तियां याद आती हैं-कुछ तो ठेस लगी है तब तो आह लबों तक आई है, यूं ही झन से बोल उठना यह शीशे का दस्तूर नहीं
- (एक जवान मजदूर की अकाल मृत्यु पर) जस का तस चिड़ियों के झुरमुट से बोल उठना बूढ़ी औरतों का झुलझुलहा स्नान प्रभाती की लय में गाँव छानी-छानी मुस्कराहट सूरुजनारायण की आँगन बुहारती बेटियों का उल्लास बछिया कोबीच-बीच पिलाकर गोरस निथारना दिशाओं मे उस पार तक उपस्थित होती घंटी-घड़ियाल की गूँज पानखाई तराई से बूँ-बूँद जलसमेटती पनिहारिनों में ‘रात्रि कथा वाचन' अजीब सी उदासी है सबके भीतर फिर भी कहीं कुछ हो गया है लोग फफक-फफक कर बताते हैं पूछने पर एक भलामानुस माटी के लिए दिन-रात खटता था जो माटी में खो गया यक-ब-यक *******
- (एक जवान मजदूर की अकाल मृत्यु पर) जस का तस चिड़ियों के झुरमुट से बोल उठना बूढ़ी औरतों का झुलझुलहा स्नान प्रभाती की लय में गाँव छानी-छानी मुस्कराहट सूरुजनारायण की आँगन बुहारती बेटियों का उल्लास बछिया कोबीच-बीच पिलाकर गोरस निथारना दिशाओं मे उस पार तक उपस्थित होती घंटी-घड़ियाल की गूँज पानखाई तराई से बूँ-बूँद जलसमेटती पनिहारिनों में ‘ रात्रि कथा वाचन ' अजीब सी उदासी है सबके भीतर फिर भी कहीं कुछ हो गया है लोग फफक-फफक कर बताते हैं पूछने पर एक भलामानुस माटी के लिए दिन-रात खटता था जो माटी में खो गया यक-ब-यक *******